विटामिन ए, बी1,सी, डी, ई के फायदे

एक संतुलित भोजन में विटामिनों का होना इंसान को कई बीमारियों से सुरक्षित रखता है। वैसे तो मांस-मछली (मांसाहारी) से अधिक मात्रा में विटामिन प्राप्त होते हैं, लेकिन हर कोई मांसाहारी हो ऐसा भी नहीं है। ऐसी स्थिति में शाकाहारी लोग फल-सब्जियों से विटामिन लेते हैं। मांस-मछली और फल-सब्जियों के अलावा दालों, दूध और मक्खन आदि में भी विटामिन्स पाए जाते हैं। 

अंदरुनी तथा शारीरिक शक्ति और रोग-निरोधक क्षमता बनाए रखने के लिए आहार में विटामिन ‘ए’, ‘बी1’, ‘बी2’, ‘बी12’, का होना आवश्यक होता है। विटामिन ‘ए’ और ‘बी’ के अतिरिक्त विटामिन ‘सी’, ‘डी’, ‘ई’ और ‘के’ भी अवश्य होने चाहिए। इनमें से किसी का भी अभाव व्यक्ति को कमजोर या रोगी बना सकता है। हरे पत्तों वाले शाक, मूली, केला, आम, गाजर तथा पपीता आदि में पर्याप्त मात्रा में विटामिन होते हैं। 

आइये जानते हैं विभिन्न विटामिनों के काम और उनके फायदों के बारे में। 

1- विटामिन ए 

विशेषज्ञों की माने तो एक व्यक्ति को 5,000 यूनिट विटामिन ‘ए’ की आवश्यकता होती है। ये विटामिन आप मछली के तेल, अंड़ा, पालक, मक्खन, टमाटर और गाजर आदि से प्राप्त कर सकते हैं। मछली के तेल में सबसे ज्यादा विटामिन ‘ए’ पाया जाता है। 

विटामिन ‘ए’ के फायदे 

• इससे आंखें स्वस्थ रहती हैं। 

• रंतौधी की समस्या से निजात मिलता है। 

• संक्रमित बीमारी की संभावना कम हो जाती है। 

• छोटे बच्चों के विकास के लिए जरूरी है विटामिन ‘ए’।  

• स्किन और बालों में चमक बरकरार रहे इसलिए विटामिन ‘ए’ का सेवन करते रहिए। 

 

2- विटामिन बी1, बी2

दूध, खमीर, हरी सब्जियों, मांस-मछली और पनीर में विटामिन ‘बी1’ जबकि अनाजों और दालों में विटामिन ‘बी2’ पाया जाता है। 

 

विटामिन बी1, बी2 के फायदे 

• ज्वर या बुखार के समय विटामिन ‘बी2’ की आवश्यकता होती है।

• सिर दर्द न हो इसलिए विटामिन ‘बी2’ का सेवन कीजिए। 

• एनीमिया रोग में भी फायदेमंद है विटामिन ‘बी2’

• विटामिन ‘बी1’ से मस्तिष्क की कार्यप्रणालियों में सुधार होता है। 

• उर्जा का अच्छा स्रोत है विटामिन बी1’

 

3- विटामिन बी6

एक व्यक्ति को प्रतिदिन पन्द्रह मिलीग्राम विटामिन ‘बी6’ की आवश्यकता पड़ती है। यह विटामिन छिलके वाले अनाज, मांस, गुर्दे, चावल, फल, सब्जी, दूध और मैदा से प्राप्त होता है। 

 

विटामिन बी6 के फायदे  

• भोजन में इस विटामिन की पर्याप्त मात्रा होने से त्वचा स्वस्थ खूबसूरत रहती है। 

• विटामिन ‘बी6’ से आतों को भी बहुत शक्ति मिलती है।

• भोजन में इसके अभाव से मसूढ़ों में सूजन होने लगता है। 

• तंत्रिका को सामान्य बनाए रखता है। 

 

4- विटामिन सी

कई तरह के रोगों में सुरक्षा प्रदान करने वाला विटामिन ‘सी’ फल व सब्जियों में पर्याप्त मात्रा में होता है। संतरा, नारंगी, नीबू, टमाटर, आंवला, अंगूर, खरबूज, गाजर और अंकुरित दालों में विशेष मात्रा में पाया जाता है। 

 

विटामिन सी के फायदे 

• विटामिन सी के सेवन से आंखों की ज्योति की क्षीणता, स्कर्वी रोग और मसूढ़ों में विकृति से निजात मिलता है। 

• गुर्दे और  दिल की पथरी को रोकने में सहायक है विटामिन ‘सी’।

• शरीर में खून नहीं जमता और रक्तथसंचार बना रहता है। 

• एनिमीया यानी खून में कमी को दूर करता है। 

• विटामिन ‘सी के अभाव से मस्तिष्क को हानि पहुंचती है। इसलिए इसका निरंतर सेवन करते रहिए। 

 

5- विटामिन डी

शरीर की हड्डियों के लिए सहायक विटामिन ‘डी’ प्राकृतिक रूप से सूर्य की किरणों से प्राप्त किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त विटामिन ‘डी’ दूध, मक्खन, दधी, घी, मछली के तेल से प्राप्त होता है।

 

विटामिन डी के फायदे 

• शारीरिक शक्ति को मजबूती प्रदान करता है। 

• रिकेट्स रोग की समस्या से मुक्ति मिलती है। 

• दांतों के लिए भी बहुत उपयोगी है। 

• बल्ड प्रेशर या रक्तचाप को दूर करने में सहायक है। 

• सर्दी-जुकाम, खांसी, अस्थमा और न्यूमोनिया जैसे रोगों में यह विटामिन लाभदायक है। 

• इसकी कमी से रोगी का स्वभाव चिड़चिड़ा हो जाता है और स्मरण शक्ति नष्ट होने लगती है। 

 

6- विटामिन ई  

पौष्टिक भोजन लेने वालों को विटामिन ‘ई’ 100 आईयू से 400 आएयू तक आवश्यक हो सकता है। विटामिन ‘ई’ खनिज तत्वों और विटामिनों के अतिरिक्त संतुलित आहार जैसे दूध, दधी, पनीर, गुड़ व मधु, धान्य, पालक, मूंगफली, फल व सूखे मेवे से प्राप्त होते है। दूध इसका सबसे बड़ा स्रोत है। 

 

विटामिन ई के फायदे  

• भोजन में विटामिन ‘ई’ की मात्रा उचित रूप में लेने से सर्दी-जुकाम, इंफ्लूएंजा व टीबी से सुरक्षा होती है। 

• प्रौढ़ावस्था में रक्त धमनियों में चर्बी जमने की प्रक्रिया को विटामिन ‘ई’ के नियमित उपयोग से रोका जा सकता है। 

• विटामिन ‘ई’ से शरीर पर सिगरेट के विषैले धुएं के प्रभाव को कम किया जा सकता है। 

• इस विटामिन ‘ई’ से रोग-प्रतिरोधक शक्ति का विकास होता है।

• शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित किया जा सकता है। 

• विटामिन ‘ई’ की पर्याप्त मात्रा में लेने से डायबिटीज के खतरे को भी कम किया जा सकता है। 

• ब्रेस्ट कैंसर की रोकथाम में भी यह उपयोगी है। 

 

7- विटामिन के 

पालक, टमाटर, आलू, गेहूं और फूल गोभी में पाए जाने वाला विटामिन ‘के’ खून के जमने पर फायदा पहुंचाता है। आपकी मजबूत हड्डियों के लिए भी सहायक है विटामिन ‘के’।