ज्यों-ज्यों सर्द हवायें जोर पकड़ती है, लोगों की त्वचायें रूखी होकर फटने लगती है. यह केवल युवाओं की त्वचा के साथ नहीं होता बल्कि बढ़ती उम्र के साथ त्वचा का रूखापन बढ़ता जाता है. इसका कारण शरीर में प्राकृतिक तेल की बढ़ती कमी होती है. बढ़ती ठंड में त्वचा को मुलायम रखने और खिंच कर फटने से बचाने के लिये अत्यधिक पोषण की जरूरत होती है.
इन्हीं उपायों में से एक है स्नान से पहले सरसों के तेल को हल्का गुनगुना कर शरीर का मालिश. वैसे सरसों का तेल नहाने के बाद भी लगाया जाता रहा है. सरसों का तेल प्रयोग में नहीं लाने वाले जैतून यानी ऑलिव ऑयल के प्रयोग का विकल्प अपना सकते हैं.
ठंड हवायें बालों से भी प्राकृतिक तेल कम कर देती है, इसलिये सप्ताह में तीन से चार बार बालों में तेल लगायें. ग्लिस्रिन युक्त गुलाब जल के इस्तेमाल से त्वचा कोमल बनती है. सोने से पहले हाथ, पैर, चेहर पर कोल्ड क्रीम या म्वॉयश्चरायजर लगायें.
रूखापन दूर करने के लिये नारियल का हल्का गर्म तेल भी लगाया जा सकता है. नहाने के लिए ग्लिस्रिन युक्त साबुन का प्रयोग करें. हल्के गुनगुने या सामान्य पानी से नहाने को प्राथमिकता दी जा सकती है.