मियादी बुखार एक ऐसा संक्रामक रोग है जो किसी भी आयु के व्यक्ति को हो सकता है. मियादी बुखार का कारण एक विशेष प्रकार का जीवाणु है जो मानव के शरीर में जल, दूध अथवा भोजन के माध्यम से प्रवेश कर जाता है. यह एक संक्रामक रोग है जिसकी वाहक मक्खियाँ होती हैं. मक्खियाँ रोगी के मल, मूत्र, थूक आदि से कीटाणुओं को लोगों के खाद्य वस्तुओं तक पहुँचा देते हैं. मियादी बुखार की अवधि एक सप्ताह से लेकर 2 सप्ताह तक होती है.
इस बुखार के फैलने के कारणों में कीटाणु, दूषित पानी या दूध, दूषित हवा और बासी अथवा दूषित भोजन आदि शामिल हैं. मियादी बुखार के दौरान रोगी को होने वाले ज्वर और उससे होने वाली पीड़ा को कम करने के लिये इसके लक्षणों को जानना जरूरी है.
मियादी बुखार के लक्षण :
मियादी बुखार का एक महत्तवपूर्ण लक्षण रोगी को ज्वर हो जाना है जो पहले सप्ताह में प्रतिदिन बढ़ता रहता है. इस दौरान रोगी का तापमान 103 डिग्री से 104 डिग्री तक पहुँच जाता है. सुबह के समय रोगी को ज्वर कुछ काम होता है और शाम के समय तक यह बढ़ता रहता है. बुखार के दूसरे स्पातह में शरीर का तापमान लगभग समान रहता है. हालांकि, शारीरिक कमजोरी का एहसास होता है और पतले दस्त भी आ सकते हैं. मियादी बुखार के दौरान शरीर का तापमान घटने लगता है और इक्कीसवें दिन सामान्य हो जाता है.
मियादी बुखार का उपचार
मियादी बुखार के रोगी को हवादार और साफ कमरे में रखने के साथ ही उसके थूक, मल-मूत्र आदि को विसंक्रमित करना चाहिये. रोगी को दस्त आने पर उन्हें बंद करने की कोशिश नहीं करनी चाहिये. यदि रोगी को दस्त के साथ खून आये तो भोजन नहीं देना चाहिये. खाने के लिये रोगी को हल्का और कम बोजन दिया जाना चाहिये. पीने के लिये उबला जल दें.