बवासीर की अचूक दवा – खाएं यह फल

खाने पीने मे अनिमियता, जंक फ़ूड का बढता हुआ चलन, व्यायाम का घटता महत्त्व और सही समय पर नींद न लेना ये कुछ ऐसे कारण है जिसकी वजह से बवासीर बीमारी हम न्यौता देते हैं। वैसे तो बवासीर के बहुत कारण है लेकिन इसके मुख्य कारणों में से एक पेट में कब्ज बनना है। अधिकतर लोगों को यह रोग कब्ज के कारण ही होता है। सुबह-शाम शौच न जाने या शौच जाने पर ठीक से पेट साफ न होने और काफी देर तक शौचालय में बैठने के बाद मल निकलने या जोर लगाने पर मल निकलने आदि कब्ज के लक्षण हैं। कब्ज के कारण मलाशय की नसों के रक्त प्रवाह में बाधा पड़ती है तथा मल के दबाव से वहां की धमनियां चपटी हो जाती हैं तथा झिल्लियां फैल जाती हैं. जिसके कारण व्यक्ति को बवासीर हो जाती है।

फलों के बहुत फायदे होते हैं, आइये जानते हैं बवासीर से बचने के लिए कौन कौन से फल खाने चाहिए

केला
प्रोटीन, कैल्सियम, पोटाशियम, विटामिन और लौह तत्वों से भरपूर केला जहाँ भूख लगने की स्थिति में यह उर्जा देती है वहीं पेट की जलन, एनिमिया और उच्च रक्तचाप से बचाव करती है। यही नहीं नियमित रूप से केला खाने से बवासीर बीमारी की शिकायत भी नहीं रहती। आप चाहे तो सुबह खाली पेट केले का सेवन कर सकते हैं।

अंगूर
माइग्रेन, मिर्गी, गठिया और पेट की समस्या में गुणकारी अंगूर बवासीर रोग में भी एक असरदार फल है। विटामिन, कैल्शियम, कॉपर, मैग्नीशियम, मैंग्नीज, जिंक और आयरन जैसे पोषक तत्वों से भरपूर अंगूर एक बलवर्घक एवं सौन्दर्यवर्घक फल है। रोगी के लिए ग्लूकोज का काम करने वाला अगूर शरीर में खून की वृद्धि करता है और कमजोरी को दूर करता है।

संतरा
अगर आप संतरा नहीं खाते तो खाना शुरू कर दीजिए। संतरे का नियमित सेवन करने से बवासीर की बीमारी में लाभ मिलता है। संतरे में विटामिन सी के अलावा विटामिन ए, विटामिन बी, फॉस्फोरस, कैल्शियम, प्रोटीन और ग्लूकोज़ भी पाया जाता है जो न केवल मिरगी, एनिमिया और मोटापे को कम करने में भी लाभकारी है। यह बवासीर की बीमारी में एक गुणकारी फल है।

पाईनेपल
पित्तनाशक, कृमिनाशक और हृदय रोगों के लिए हितकारी पाइनेपल या अनन्नास ब्राजील का फल है, जो प्रसिद्ध नाविक क्रिस्टोफर कोलम्बस अपने साथ यूरोप से लेकर आया था। भारत में इसे पुर्तगाली लोग लेकर आये थे। भारत में सबसे ज्यादा पाइनेपल देश के दक्षिण भाग में पैदा किया जाता है। शारीरिक शक्ति को विकसित करने वाला पाइनेपल पाचन संबंधित विकार को नष्ट कर देता है, साथ ही लोग बवासीर बीमारी में इस फल का सेवन करते हैं। पाइनेपल के गूदे को महीन पीसकर मस्सों पर बांधने से बवासीर में लाभ होता है।

पपीता
पेट संबंधित रोगों के लिए पपीता से अच्छा कोई और फल नहीं माना जाता। विटामिन ए, बी और सी तथा फाइबर से भरपूर पपीता पेट, आंख और त्वचा के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। यह बवासीर के रोग में भी एक गुणकारी फल है। आप दिन में दो या तीन बार पपीता खाइए बवासीर बीमारी से आपको राहत मिलेगी।

इन फलो के अलावा आप बवासीर बीमारी में एलोवेरा, पालक, छुहारा आदि का सेवन भी कर सकते हैं।