जरूरी है गर्भवती महिलाओं के लिये कैल्शियम

गर्भवती महिला केवल बच्चे को जन्म नहीं देती बल्कि एक नये जीवन का सृजन करती है. इस नये सृजन का सेहत स्तनपान कराने वाली माँ के सेहत पर निर्भर होता है. जन्म देने वाली माँ की बेहतर सेहत के लिये पौष्टिक खुराक बेहद आवश्यक है. इन खुराकों में कैल्शियम भी बहुत जरूरी है. 

कैल्शियम के अभाव में कई बीमारियाँ हो जाती है. ये निम्नलिखित हैं-

इसके अभाव में शरीर की हड्डियाँ और दाँत कमजोर हो जाती हैं. पाचन और रोगों से लड़ने की प्रतिरोधी क्षमता कम हो जाती है. स्नायु में दुर्बलता हो जाती है. कैल्शियम के अभाव में त्वचा का लचीलापन कम हो जाता है. किसी स्थान पर कट जाने से स्राव बंद करना मुश्किल हो जाता है जिसके फलस्वरूप किसी प्रकार का घाव फौरन नहीं भर पाता. इसकी कमी से खून की मात्रा कम हो सकती है और चेहरा पीला पड़ जाता है. कैल्शियम की कमी का असर हृदय की गति पर होता है. 

कैल्शियम के स्रोत :

अन्य खनिज पदार्थों के मुकाबले कैल्शियम की आवश्यकता शरीर को अधिक होती है. शरीर में कैल्शियम की जरूरत को बनाये रखने के लिये हरी सब्जियों जिसमें मेथी, सरसों, बथुआ, पालक, भिंडी आदि का सेवन करें. इतना ही नहीं, प्याज, आंवला और लहसुन में भी प्रचुर मात्रा में कैल्शियम होता है. कैल्शियम चोकर में प्रचुर मात्रा में मिलता है जो छलनी में आटे का अंश होता है. 

गर्भवती महिलाओं के पैर सुन्न पड़ जाने पर, उंगलियों के जोड़ दर्द करने पर और सुचारू रूप से माँस-पेशियों के काम नहीं करने पर यह समझ जाना चाहिये कि नवजात बच्चा माँ के शरीर से अधिक मात्रा में कैल्शियम लेता है.